
रांची रेस्टोरेंट हत्या
मृतक की पहचान 47 वर्षीय विजय कुमार नाग के रूप में हुई है जो बीते 15 सालों से रेस्टोरेंट चला रहे थे। पुलिस के अनुसार, ग्राहक अभिषेक सिंह ने शनिवार रात रेस्टोरेंट से वेज बिरयानी ऑर्डर की थी, लेकिन कथित रूप से उसे चिकन बिरयानी मिल गई। जब उसने घर जाकर डिब्बा खोला तो उसने देखा कि उसमें चिकन के टुकड़े थे। इससे गुस्से में आकर अभिषेक ने मालिक को फोन किया और कहासुनी के बाद धमकी देते हुए रेस्टोरेंट पहुँच गया।
रात करीब 11:30 बजे आरोपी अपने तीन साथियों के साथ रेस्टोरेंट पहुंचा। गवाही के अनुसार, उन्होंने विजय नाग के साथ बहस की और फिर अचानक पिस्तौल निकालकर उनके सीने में गोली दाग दी। गोली लगते ही विजय गिर पड़े और मौके पर ही गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने घटना के बाद तत्काल मामला दर्ज कर जांच शुरू की। रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने बताया कि रविवार (20 अक्टूबर) सुबह से ही विशेष टीम बनाई गई और सभी संदिग्धों की लोकेशन ट्रैक की गई। उसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी अभिषेक सिंह कanke इलाके में भागने की कोशिश कर रहा है।
पुलिस ने इलाके को घेर लिया और जब गिरफ्तारी की कोशिश की तो आरोपी ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने फायर किया जिसमें अभिषेक सिंह के दोनों पैरों में गोली लगी। उसे घायल अवस्था में गिरफ्तार कर अस्पताल (RIMS, रांची) में भर्ती कराया गया। यह मुठभेड़ करीब 15 मिनट चली जिसमें कोई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ।
पुलिस ने बताया कि इस ऑपरेशन में कुल तीन लोगों को पकड़ा गया है। मुख्य आरोपी अभिषेक सिंह के अलावा उसके सहयोगी सोनू और एक निलंबित पुलिसकर्मी हरेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। जांच में खुलासा हुआ कि हरेंद्र ने ही अपराधियों को हथियार उपलब्ध कराए थे। हरेंद्र पर पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
एसएसपी ने बताया कि छापेमारी के दौरान पुलिस ने चार पिस्तौल, एक राइफल, 31 जिंदा कारतूस, दो वाहन, करीब ₹2 लाख नकद और चार मोबाइल फोन बरामद किए हैं। पुलिस का मानना है कि यह मामला सिर्फ बिरयानी विवाद का नहीं है, बल्कि इसके पीछे पुराना विवाद और संपत्ति से जुड़ा मतभेद भी हो सकता है।
रविवार दोपहर तक पुलिस ने फॉरेंसिक टीम की मदद से मौके का निरीक्षण किया और आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जब्त कर ली। स्थानीय लोगों से पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी अभिषेक सिंह और उसके साथी घटना से कुछ घंटे पहले ही उसी इलाके में घूमते देखे गए थे। इससे पुलिस को शक हुआ कि हत्या पहले से योजना के तहत की गई थी।
इस बीच, मृतक विजय कुमार नाग के परिवार और स्थानीय व्यापारिक संघ ने पुलिस प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि रेस्टोरेंट मालिक एक शांत व्यक्ति थे, जो समाजसेवा में भी सक्रिय रहते थे। परिवार के अनुसार, उन्होंने हमेशा ग्राहकों से विनम्र व्यवहार किया और किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी।
घटना के बाद व्यापारियों ने कanke रोड पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को शांत कराया और आश्वासन दिया कि अपराधियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी अभिषेक सिंह का आपराधिक रिकॉर्ड पुराना है। वह बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला है और उस पर पहले भी रंगदारी और हथियारबंदी के मामले दर्ज हैं। रांची में वह पिछले कुछ महीनों से किराए पर रह रहा था और स्थानीय स्तर पर असामाजिक गतिविधियों में लिप्त था।
जांच में यह भी सामने आया है कि घटना के बाद आरोपी अपने साथियों के साथ भागने की फिराक में था और बिहार लौटने की तैयारी कर रहा था। लेकिन पुलिस ने मोबाइल लोकेशन और गुप्त सूचना के आधार पर उसे रांची के पास ही पकड़ लिया।
फिलहाल रांची पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) मामले की गहराई से जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि चौथे आरोपी अमित ठाकुर की तलाश जारी है और जल्द ही उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा।
वहीं इस घटना ने रांची समेत पूरे झारखंड के व्यापारिक वर्ग में भय का माहौल पैदा कर दिया है। छोटे रेस्टोरेंट और होटल मालिकों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। कई जगह अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति न बने।
इस घटना के राजनीतिक पहलू पर भी चर्चा हो रही है। कुछ स्थानीय नेताओं ने आरोप लगाया है कि रेस्टोरेंट मालिक और आरोपी के बीच पहले से संपत्ति से जुड़ा विवाद था, जिसे छिपाने के लिए ‘बिरयानी विवाद’ का बहाना बनाया गया। हालांकि पुलिस ने कहा है कि हर संभावित पहलू की जांच की जा रही है और तथ्य आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
घटना के बाद से सोशल मीडिया पर भी लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है। कई यूजर्स ने लिखा कि एक छोटी सी गलती पर जान लेना ‘सभ्य समाज’ के लिए शर्म की बात है। वहीं कुछ लोगों ने पुलिस की तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि रांची पुलिस ने जिस तेजी से मुठभेड़ कर आरोपी को पकड़ा, वह काबिल-ए-तारीफ है।
रांची पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि “यह हत्या कानून व्यवस्था के लिए चुनौती थी। हमने तुरंत टीम बनाई और आरोपी को 24 घंटे के भीतर पकड़ लिया। इस तरह की घटनाओं को दोहराने नहीं दिया जाएगा।”
लेखक: Suraj Pandey | स्रोत: India TV, The Indian Express, Livemint, New Indian Express