राजस्थान में मंत्री हीरालाल नागर ने ढहवाया सरकारी स्कूल भवन, घटिया निर्माण पर भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज

लेखक: सूरज पांडेय | वार्ता वेव

Akhilesh Yadav Deepotsav Remark
प्रतीकात्मक 2025

 

कोटा (राजस्थान): राजस्थान की राजनीति में इन दिनों एक नया विवाद गर्म है। प्रदेश सरकार के मंत्री हीरालाल नागर ने अपने ही निर्वाचन क्षेत्र संगोद (कोटा) में एक सरकारी स्कूल भवन को खुद बुलडोजर से ढहवा दिया। आरोप है कि इस भवन के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था और काम के दौरान भारी भ्रष्टाचार हुआ था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

मंत्री ने खुद की कार्रवाई, बुलडोजर से ढहवाया स्कूल

जानकारी के अनुसार, मंत्री हीरालाल नागर को शिकायत मिली थी कि स्थानीय सरकारी स्कूल भवन के निर्माण में निकृष्ट गुणवत्ता की सामग्री का प्रयोग किया गया है। उन्होंने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और पाया कि इमारत की छत और दीवारें बेहद कमजोर हैं। इसके बाद उन्होंने मौके पर ही बुलडोजर बुलवाकर निर्माण को तुड़वा दिया।

मंत्री ने मीडिया से कहा, “जनता के पैसे से हो रहा काम पारदर्शी होना चाहिए। घटिया निर्माण किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”

भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज

मंत्री नागर ने संबंधित विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि यह कार्रवाई किसी राजनीतिक कारण से नहीं, बल्कि जनता के हित में की गई है। उन्होंने कहा कि “जो भी अधिकारी या ठेकेदार जनता के पैसों से खिलवाड़ करेगा, वह जेल जाएगा।”

राज्य सरकार ने भी इस घटना पर संज्ञान लिया है और कोटा जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। निर्माण कार्य शिक्षा विभाग की एक स्थानीय इकाई के तहत हुआ था, जिसे अब जांच के दायरे में लाया गया है।

स्थानीय लोगों ने की सराहना

गांव के निवासियों ने मंत्री के इस कदम की सराहना की है। ग्रामीणों का कहना है कि “पहली बार किसी मंत्री ने जनता की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की है।” कई लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह कदम दूसरों के लिए मिसाल बनना चाहिए।

हालांकि कुछ राजनीतिक विरोधियों ने इसे “लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश” बताया है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि अगर मंत्री को पहले से निर्माण की गुणवत्ता पर शक था, तो विभागीय जांच के बाद ही कार्रवाई करनी चाहिए थी।

भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’

मंत्री नागर ने कहा कि प्रदेश सरकार की नीति साफ है — “भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस।” उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले समय में जिन परियोजनाओं में भी घटिया काम पाया जाएगा, वहाँ इसी तरह सख्त कार्रवाई की जाएगी।

भविष्य की कार्रवाई

मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जिले में चल रही सभी सरकारी निर्माण परियोजनाओं की गुणवत्ता जांच कराई जाए। शिक्षा विभाग को भी निर्देश मिले हैं कि स्कूल निर्माण में उपयोग हो रही सामग्री की थर्ड पार्टी ऑडिट कराई जाए।

निष्कर्ष

हीरालाल नागर की यह कार्रवाई एक साहसिक कदम मानी जा रही है। यह न केवल प्रशासनिक जवाबदेही की मिसाल पेश करती है बल्कि सरकारी ठेकों में पारदर्शिता की आवश्यकता को भी उजागर करती है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि जांच में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।


— रिपोर्ट: सूरज पांडेय, वार्ता वेव

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