दिवाली के बाद यूपी में हवा हुई जहरीली | गाज़ियाबाद में AQI 582, कई शहरों में सांस लेना मुश्किल

दिवाली के बाद उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया।

लखनऊ: दिवाली की जगमगाहट के बाद अब उत्तर प्रदेश की हवा धुंध और प्रदूषण से भर गई है। पटाखों के धुएं, वाहनों के धुएं और ठंडी हवाओं के कारण कई शहरों में Air Quality Index (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। गाज़ियाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर 582 तक दर्ज किया गया — जो “सीवियर कैटेगरी” में आता है।

गाज़ियाबाद में हालात सबसे खराब

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिवाली की रात और अगले दिन गाज़ियाबाद में AQI 582 रिकॉर्ड किया गया, जो देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बन गया। वहीं, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब (AQI 480+) रही।

विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखों से निकले धुएं और मौसमी ठंड ने मिलकर हवा में प्रदूषक तत्वों को नीचे रोक दिया है। इससे सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन और सिरदर्द की शिकायतें बढ़ गई हैं।

लखनऊ, वाराणसी और मेरठ में भी खतरनाक हवा

राजधानी लखनऊ में भी दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा और यहां का AQI 440 दर्ज किया गया। वाराणसी और मेरठ जैसे शहरों में भी हालात खतरनाक रहे। वाराणसी में AQI 465 और मेरठ में 421 रहा।

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रदूषण सिर्फ पटाखों से नहीं बल्कि सड़क की धूल, वाहन उत्सर्जन और पराली जलाने के कारण भी बढ़ा है।

स्वास्थ्य विभाग ने दी चेतावनी

स्वास्थ्य विभाग ने जनता को सावधानी बरतने की सलाह दी है। डॉक्टरों ने बुजुर्गों, बच्चों और दमा के मरीजों से अपील की है कि वे घर से कम निकलें और बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनें।

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के डॉक्टरों ने बताया कि दिवाली के बाद सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या में 30% तक इजाफा हुआ है।

सरकार ने उठाए कदम

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वे जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखें और खुले में कचरा जलाने वालों पर तुरंत जुर्माना लगाएं। गाज़ियाबाद नगर निगम ने भी सड़कों पर पानी छिड़काव और धूल नियंत्रण अभियान शुरू कर दिया है।

प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर से आम जनता में चिंता का माहौल है। कई लोग सोशल मीडिया पर सरकार से स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।

लेखक: Suraj Pandey | Source: ABP Live

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