
पप्पू यादव आयकर नोटिस: बिहार चुनाव में नोट बांटने के वीडियो से मचा बवाल
पूर्णिया, बिहार | रिपोर्ट: Suraj Pandey: पप्पू यादव आयकर नोटिस मामला बिहार विधानसभा चुनाव की राजनीति में नया मोड़ लेकर आया है। जन अधिकार पार्टी (JAP) के प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पर चुनाव प्रचार के दौरान लोगों को पैसे बांटने के आरोप लगे हैं। वायरल वीडियो के बाद चुनाव आयोग और आयकर विभाग दोनों ने जांच शुरू कर दी है।
वायरल वीडियो से बढ़ी मुश्किलें
पूर्णिया जिले में पप्पू यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें वे कथित रूप से लोगों को 500 और 1000 रुपये के नोट बांटते दिख रहे हैं। विपक्षी दलों ने तुरंत इसे मुद्दा बना लिया और चुनाव आयोग से शिकायत की। मामला बढ़ने पर आयोग ने स्थानीय प्रशासन से रिपोर्ट मांगी और कहा कि अगर यह वीडियो चुनाव अवधि का है तो यह स्पष्ट रूप से चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है।
जांच के बाद पप्पू यादव आयकर नोटिस जारी हुआ और उनसे 7 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया कि जो राशि बांटी गई थी, उसका स्रोत क्या था। विभाग अब यह पता लगा रहा है कि क्या यह पैसा चुनाव फंड का हिस्सा था या निजी फंड से आया था।
आयकर विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “यह मामला गंभीर है क्योंकि चुनाव के दौरान इस तरह नकद वितरण पर कानून सख्त है। हमने यादव जी से लिखित जवाब मांगा है।”
पप्पू यादव की सफाई: “मैंने मदद की, रिश्वत नहीं दी”
विवाद पर सफाई देते हुए पप्पू यादव ने कहा — “यह वीडियो पुराना है, मैं बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहा था, वोट खरीदने का कोई सवाल नहीं। विपक्षी दल मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि जनता मेरे पक्ष में है।”
उन्होंने कहा कि यह सब “राजनीतिक साजिश” है। “मैं गरीबों की मदद करता हूँ, चाहे चुनाव हो या नहीं। यह मेरा संस्कार है, न कि प्रचार की चाल।” उन्होंने यह भी दावा किया कि विरोधियों को मेरी बढ़ती लोकप्रियता बर्दाश्त नहीं हो रही।
हालांकि विपक्षी पार्टियों का कहना है कि यह “वोट के बदले नोट” का मामला है और इस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि पप्पू यादव आयकर नोटिस भेजे जाने के बाद दोनों एजेंसियां मिलकर यह जांच करेंगी कि वीडियो कब और कहां का है। अगर यह चुनाव अवधि का पाया गया, तो कानूनी कार्रवाई तय है।
जांच की दिशा और राजनीतिक असर
आयकर विभाग और चुनाव आयोग की संयुक्त टीम ने अब इस वीडियो की फोरेंसिक जांच शुरू की है। यह देखा जा रहा है कि फुटेज में तारीख और लोकेशन क्या है। अगर सबूत पुख्ता हुए, तो पप्पू यादव के खिलाफ Representation of the People Act के तहत कार्रवाई संभव है।
पार्टी प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा, “पप्पू यादव जनता के नेता हैं, उन्होंने कभी गलत काम नहीं किया। यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है।”
इस मामले ने बिहार चुनाव के माहौल को गरमा दिया है। सोशल मीडिया पर #PappuYadav और #CashForVotes जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कुछ लोग पप्पू यादव का समर्थन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि “गरीबों की मदद को अपराध बताना राजनीति का पतन है”, जबकि विरोधी दल इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि पप्पू यादव आयकर नोटिस मामला चुनाव में उनकी छवि पर असर डाल सकता है। एक ओर यह उन्हें गरीबों के हितैषी के रूप में पेश कर सकता है, तो दूसरी ओर विपक्ष इस मुद्दे को “रिश्वत वितरण” के रूप में भुना सकता है।
अब सबकी निगाहें चुनाव आयोग और आयकर विभाग की रिपोर्ट पर हैं, जिससे तय होगा कि क्या यह मामला मानवीय मदद का था या फिर चुनावी उल्लंघन का।
लेखक: Suraj Pandey | Source: News18 Hindi / Local18 Reports | Focus Keyword: पप्पू यादव आयकर नोटिस
Tags: पप्पू यादव आयकर नोटिस, बिहार चुनाव विवाद, जन अधिकार पार्टी, चुनाव आयोग कार्रवाई, बिहार राजनीति, पप्पू यादव वीडियो, पूर्णिया न्यूज़, VartaWave News
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