
तेलंगाना के चेवेल्ला बस हादसे ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। हैदराबाद-बिजापुर हाईवे पर RTC बस और ट्रक की भीषण टक्कर में 19 लोगों की मौत हो गई और 25 से अधिक लोग घायल हैं। हादसे के बाद तेलंगाना राज्य मानवाधिकार आयोग (TSHRC) ने इस घटना पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह “सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सिस्टम फेलियर का नतीजा” है।
यह हादसा रविवार सुबह हुआ जब हैदराबाद से बिजापुर जा रही RTC बस को सामने से आ रहे टिपर ट्रक ने टक्कर मारी। हादसा इतना जोरदार था कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह से चकनाचूर हो गया। मौके पर कई लोगों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हुए। पुलिस के अनुसार, तेज रफ्तार और सड़क की खराब हालत इस घटना की मुख्य वजह बताई जा रही है।
Telangana Human Rights Commission ने इस हादसे के बाद परिवहन विभाग, सड़क निर्माण एजेंसियों और जिला प्रशासन से सात दिनों में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही और खराब सड़क प्रबंधन इस दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह हैं।
आयोग ने यह भी कहा कि चेवेल्ला बस हादसे जैसे मामले प्रशासनिक जिम्मेदारी की कमी को उजागर करते हैं। राज्य में बार-बार हो रहे हादसों के बावजूद सरकार सड़क सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं दिख रही। आयोग ने साफ कहा कि अगर रिपोर्ट में लापरवाही साबित होती है, तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय निवासियों ने भी नाराजगी जताई है कि इस मार्ग पर पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए। कई नागरिक संगठनों ने इस घटना को “सरकारी असंवेदनशीलता” का उदाहरण बताया है।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने पीड़ित परिवारों के लिए ₹5 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा की है और कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने सड़क सुरक्षा पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाने के भी निर्देश दिए हैं।
इस मामले पर ABP Live रिपोर्ट के अनुसार, आयोग ने इस हादसे को “मानवाधिकार उल्लंघन” के रूप में देखा है। वहीं Times of India ने बताया कि यह हादसा सड़क की खराब स्थिति और ट्रैफिक निगरानी की कमी के कारण हुआ।
सोशल मीडिया पर भी चेवेल्ला बस हादसे को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों ने सवाल उठाया कि आखिर कब तक यात्रियों की जान यूं ही सड़क पर जाती रहेगी। कई लोगों ने VartaWave India News पर इस घटना पर चर्चा करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा कानूनों का सख्त पालन अब बेहद जरूरी है।
यह हादसा एक बार फिर याद दिलाता है कि जब तक सड़क की गुणवत्ता, वाहन निरीक्षण प्रणाली और प्रशासनिक जिम्मेदारी को सख्ती से लागू नहीं किया जाएगा, तब तक ऐसे हादसे जारी रहेंगे। आयोग की रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार से ठोस कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।