महाराष्ट्र: पुरुषों ने हड़पा महिलाओं का कोटा | ‘माझी लडकी बहिन’ योजना से 164 करोड़ रुपये का नुकसान

महाराष्ट्र: पुरुषों ने हड़पा महिलाओं का कोटा, ‘माझी लडकी बहिन’ स्कीम से 164 करोड़ रुपयों का नुकसान

माझी लडकी बहिन योजना महाराष्ट्र
‘माझी लडकी बहिन’ योजना में फर्जीवाड़े का खुलासा, हजारों पुरुषों ने महिलाओं के लिए बनी स्कीम से उठाया लाभ।

मुंबई: महाराष्ट्र की लोकप्रिय सामाजिक योजना ‘मुख्यमंत्री माझी लडकी बहिन योजना’ में बड़ा घोटाला सामने आया है। इस योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जानी थी, लेकिन अब खुलासा हुआ है कि **12,431 पुरुषों** ने भी इस स्कीम का लाभ उठाया। नतीजा — सरकारी खजाने को करीब **164 करोड़ रुपये** का नुकसान हुआ है।

महिलाओं के लिए बनी योजना में पुरुषों की घुसपैठ

इस योजना का उद्देश्य 21 से 60 वर्ष की महिलाओं को हर महीने ₹1,500 की आर्थिक सहायता देना था। लेकिन जांच में सामने आया कि कुछ पुरुषों ने “लिंग (Gender)” कॉलम में खुद को महिला दिखाकर योजना का फायदा उठाया। ये मामले विशेष रूप से मुंबई, ठाणे, पुणे और नागपुर जिलों में पाए गए।

रिपोर्ट के मुताबिक, लाभार्थियों के डेटा वेरिफिकेशन के दौरान जब आधार और बैंक खातों का मिलान किया गया तो गड़बड़ियां उजागर हुईं। कई ऐसे नाम मिले जो पुरुष थे, लेकिन स्कीम का पैसा उनके खातों में पहुंच चुका था।

सरकार ने दी जांच के आदेश

 

सरकार ने दी जांच के आदेश

महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्यभर में जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि “यह बेहद शर्मनाक है कि महिलाओं के लिए बनाई गई योजना का फायदा कुछ पुरुषों ने उठाया। सरकार अब दोषियों से राशि वसूलेगी और डिजिटल वेरिफिकेशन सिस्टम को और सख्त बनाएगी।”

विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे योजना के लाभार्थियों की सूची की समीक्षा करें और हर संदिग्ध लाभार्थी का डाटा आधार और बैंक खाते से दोबारा मिलाएं।

विपक्ष का हमला: ‘महिलाओं के हक पर डाका’

विपक्षी दलों ने इस घोटाले को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। शिवसेना (UBT) नेता ने कहा, “यह दिखाता है कि सरकार की डेटा मैनेजमेंट व्यवस्था पूरी तरह फेल है।” कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि “बिना सत्यापन के योजना शुरू करने का नतीजा यही होना था।”

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि “जैसे ही यह मामला सामने आया, तुरंत जांच शुरू कर दी गई है। कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।”

क्या है ‘माझी लडकी बहिन योजना’?

यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक सुरक्षा के लिए शुरू की गई थी। इसके तहत पात्र महिलाओं को ₹1,500 प्रतिमाह दिए जाते हैं ताकि वे अपने परिवार की बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकें। लेकिन अब इस घोटाले के बाद योजना की पारदर्शिता और सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।

आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि “यह मामला इस बात की ओर इशारा करता है कि डिजिटलीकरण के दौर में भी वेरिफिकेशन प्रक्रिया को मजबूत किए बिना योजनाओं का संचालन जोखिम भरा है।”

लेखक: Suraj Pandey | Source: News18 Hindi

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