Punjab Stubble Burning 2025: पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ीं, तरन तारन और अमृतसर शीर्ष पर
लेखक: Suraj Pandey | प्रकाशन तिथि: 19 अक्टूबर 2025 | स्रोत: VartaWave Bureau
Punjab Stubble Burning 2025: पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में इस साल फिर से वृद्धि देखी जा रही है।
राज्य में धान की कटाई के बाद किसानों ने खेतों में पराली जलाना शुरू कर दिया है,
जिससे वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक,
15 सितंबर से 18 अक्टूबर 2025 के बीच पंजाब में कुल 241 घटनाएं दर्ज की गई हैं।
इनमें सबसे अधिक मामले तरन तारन और अमृतसर जिलों में सामने आए हैं।
तरन तारन और अमृतसर में सबसे ज्यादा घटनाएं
Punjab Stubble Burning 2025 की रिपोर्ट के अनुसार,
तरन तारन में 88 घटनाएं और अमृतसर में 80 घटनाएं दर्ज हुई हैं।
फिरोजपुर, पटियाला और लुधियाना जिलों में भी पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
राज्य सरकार ने संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
यहां पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट।
सरकार ने 132 FIR दर्ज कीं, किसानों को चेतावनी
पंजाब सरकार ने अब तक पराली जलाने के खिलाफ 132 FIR दर्ज की हैं,
जिनमें 50 तरन तारन और 37 अमृतसर से जुड़ी हैं।
प्रशासन ने कई किसानों पर जुर्माना लगाया है और कहा है कि
अब आगे किसी भी जिले में पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई होगी।
कृषि विभाग ने कहा कि किसानों को वैकल्पिक मशीनों जैसे
हैप्पी सीडर और स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग करना चाहिए।
Punjab Stubble Burning 2025 का असर दिल्ली-एनसीआर तक
पराली जलाने से उठने वाला धुआं अब दिल्ली और आसपास के इलाकों तक पहुंच रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, PM2.5 और PM10 के स्तर में
20% तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
मौसम विभाग के अनुसार, अक्टूबर-नवंबर के दौरान
पंजाब से उठने वाला धुआं हवा के रुख के कारण दिल्ली तक पहुंच जाता है।
Delhi Pollution रिपोर्ट यहां पढ़ें।
किसानों की दलील
किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी पर्याप्त नहीं है।
मशीनें या तो महंगी हैं या गांवों तक पहुंच नहीं पाई हैं।
कई किसानों का कहना है कि पराली न जलाने के विकल्प महंगे हैं और
समय की कमी के चलते वे मजबूर हैं।
Punjab Stubble Burning 2025: सरकार की अपील और नई योजना
राज्य सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे पराली न जलाएं और
मशीनों के माध्यम से पराली प्रबंधन करें।
पंजाब कृषि विभाग ने घोषणा की है कि
जो किसान वैकल्पिक उपाय अपनाएंगे, उन्हें अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
दीर्घकालिक समाधान और सरकार की रणनीति
Punjab Stubble Burning 2025 से निपटने के लिए सरकार ने
एक दीर्घकालिक रणनीति तैयार की है। इसमें किसानों के लिए
80% तक सब्सिडी, गांव-स्तर पर जागरूकता अभियान और
बायोगैस संयंत्रों की स्थापना शामिल है।
प्रशासन का कहना है कि यह कदम न केवल प्रदूषण कम करेगा,
बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ाएगा।
जनजागरूकता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा
Punjab Stubble Burning 2025 से जुड़ी समस्या को हल करने के लिए
अब सरकार ने जनजागरूकता अभियान भी शुरू किया है।
स्कूलों और कॉलेजों में पर्यावरण क्लब बनाए जा रहे हैं ताकि युवाओं को
प्रदूषण के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा सके।
पर्यावरण विभाग का कहना है कि पराली जलाना सिर्फ किसान की नहीं,
पूरे समाज की जिम्मेदारी है। यदि हर नागरिक अपनी भूमिका निभाए,
तो पंजाब और दिल्ली-एनसीआर की हवा को साफ़ किया जा सकता है।
निष्कर्ष: Punjab Stubble Burning 2025 ने एक बार फिर इस चुनौती को उजागर किया है
कि पराली जलाने की समस्या केवल कानून से नहीं,
बल्कि जागरूकता और सहयोग से ही खत्म की जा सकती है।
जब किसान, प्रशासन और समाज मिलकर आगे बढ़ेंगे, तभी
पंजाब और देश प्रदूषण मुक्त भविष्य की ओर बढ़ सकेंगे।
Suraj pandey
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