राम गोपाल वर्मा Gaza Diwali Controversy: “भारत में एक दिन दीवाली, गाज़ा में रोज़ दीवाली” बयान पर बवाल

 

बॉलीवुड निर्देशक Ram Gopal Varma Gaza Diwali Controversy पर सोशल मीडिया में जबरदस्त चर्चा है

Ram Gopal Varma

नई दिल्ली: बॉलीवुड के जाने-माने फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार उन्होंने भारत की दीवाली की तुलना गाज़ा युद्ध से कर दी है। उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।

बॉलीवुड निर्देशक Ram Gopal Varma Gaza Diwali Controversy पर सोशल मीडिया में जबरदस्त चर्चा है। उनके बयान “भारत में एक दिन दीवाली, गाज़ा में रोज़ दीवाली” ने लोगों को नाराज़ कर दिया है।

दरअसल, वर्मा ने X (पहले ट्विटर) पर लिखा – In INDIA only one day is DIWALI and in GAZA, every day is DIWALI. यानी “भारत में सिर्फ एक दिन दीवाली होती है, लेकिन गाज़ा में हर दिन दीवाली है।” उनके इस ट्वीट के बाद लोग उन पर जमकर भड़क गए।

लोगों ने बताया असंवेदनशील बयान

सोशल मीडिया यूज़र्स ने वर्मा के इस बयान को असंवेदनशील और शर्मनाक बताया। एक यूज़र ने लिखा, दीवाली उम्मीद और उजाले का त्योहार है, जबकि गाज़ा में लोग अंधकार और मौत के बीच जी रहे हैं। दोनों की तुलना करना अमानवीय है।

एक अन्य ने कहा, वर्मा शायद यह नहीं समझ पाए कि दीये की रोशनी और बम की चमक में बहुत फर्क होता है। कई यूज़र्स ने यह भी लिखा कि वर्मा विवादों के ज़रिए सुर्खियाँ बटोरने की कोशिश करते हैं।

Ram Gopal Varma Controversy

गाज़ा युद्ध के बीच विवादित टिप्पणी

यह बयान ऐसे समय में आया है जब गाज़ा स्ट्रिप में इज़राइल और हमास के बीच जारी संघर्ष में हजारों निर्दोष नागरिक मारे जा चुके हैं। पूरी दुनिया इस मानवीय संकट को लेकर चिंतित है। ऐसे में दीवाली जैसे त्यौहार की तुलना युद्ध से करना कई लोगों को बेहद गलत लगा।

राम गोपाल वर्मा की चुप्पी

बढ़ते विवाद के बावजूद राम गोपाल वर्मा ने अब तक अपने बयान पर कोई सफाई नहीं दी है। उनका ट्वीट अब भी X पर मौजूद है और उस पर हजारों प्रतिक्रियाएँ आ चुकी हैं। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि शायद उनका अकाउंट हैक हुआ हो, लेकिन इस पर कोई पुष्टि नहीं हुई।

वर्मा पहले भी कई बार विवादों में रहे हैं। कभी राजनीतिक टिप्पणी तो कभी धार्मिक मुद्दों पर, वह हमेशा सोशल मीडिया पर अपने बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं।

निष्कर्ष

राम गोपाल वर्मा का यह बयान एक बार फिर इस बात की याद दिलाता है कि सार्वजनिक मंचों पर दिए गए शब्द कितने असरदार होते हैं। जब पूरी दुनिया गाज़ा में चल रहे संकट से दुखी है, तब किसी त्यौहार की तुलना युद्ध से करना न केवल विवादित बल्कि असंवेदनशील भी माना गया है


लेखक: Suraj Pandey | स्रोत: India TV, Cinema Express

www

Vartawave.com

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *